Saturday, March 7, 2020

मुनिश्री विहर्श सागर का 49 र्वी जन्मोंत्सव भक्तो का उमड़ जनसैलाब, गुरू के जयकारो से गूंज पंडाल..!

 



जन्म लेकर संस्कारित होकर साधना के बल से जन्ममरण का क्षय करना पुरूशार्थ साध्य है-मुनिश्री


        ग्वालियर-जन्म लेना कोई बडी बात नही है, अपितु जन्म लेकर, संस्कारित होकर, साधना के बल से जन्म मरण का क्षय करना पुरूशार्थ साध्य है। संतान को जन्म तो पक्षी भी देते है, पर मनुश्य संतान को जन्म के साथ संस्कार भी प्रदान करता है। मनुश्य जन्म इसिलिए श्रेश्ठा है कि नर से नारायण बनने की साधना की जा सकती है। यह विचार राश्ट्रसंत मुनिश्री विहर्श सागर महाराज ने षनिवार को लोहमंडी स्थित ं दिगंबर लाला गोकुलचंद जैन मदिर समिति की ओर से मुनिश्री 49 जन्मोत्सव समारोह पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। कार्यक्रम का निर्देषन मुनिश्री विजयेष सागर महाराज एवं पंडित षंषिकांत षास्त्री ने ंिकया।


      मुनिश्री ने कहा कि जब भी कोई कर्मो से मुक्त होगा तब वह मनुश्य पर्याय से ही होगा। चैरासी लाख योनियों चतुर्गतियो में सर्वश्रेश्ठ कोई पर्याय है तो वह मनुश्य पर्याय है। मुनिश्री के चरणो में मदिर प्रबंध समिति के अघ्यक्ष पदमचंद्र जैन, मंत्री देवेद्र जैन, नवरंग जैन, पवन जैन, डाॅ मुकेष जैन, दिलीप जैन, राहुल जैन, अभिलाश जैन, मनीश जैन अलोक जैन, एवं दिल्ली, इंदौर, आगरा, मेराठ, मथुरा, मुरैना, भिंड, झाॅसी, आदि जगहों से आएं गुरूभक्तो का जनसैलाब ने सामूहिक रूप् से श्रीफल चढ़ाकर आषिर्वाद लिया।

 मुनिश्री की 49 र्वी अवतरण दिवस का हुआ षुभारंभ, 


      मुनिश्री विहर्श सागर का 49 जन्र्मोत्सव समारोह का षुभारंभ आचार्यश्री विराग सागर महाराज के चित्र अनवरण हरिषचंद्र जैन अनुराग जैन एवं दीप प्रज्वालित पारस जैन अध्यक्ष सकल जैन समाज पंचायत ने किया। मंगल चरण खुषी जैन एवं स्वागत नृत्य विभिन्न षाखाखो की महिलाओं ने कर किया। स्वागत उदबोधन समिति के अध्यक्ष पदमचंद्र जैन ने किया। कार्यक्रम का संचालन पंडित षंषिकांत षास्त्री ने किया। आभार मंत्री देवेद्र जैन ने किया। 


मुनिश्री विहर्श सागर  के  पाद प्रक्षालन, महाअघ्र्य चढ़ाकर उतारी आरती


    जैन समाज के प्रवक्ता सचिन आदर्ष कलम ने बताया कि मुनिश्री विहर्श सागर महाराज के 49 वें जन्मोंत्सव पर पाद प्रक्षालन राजेष जैन पदमचंद्र जैन परिवार ने किए। षास्त्र भेंट जैन समाज के लोगो ने ंिकए। महाअघ्र्य से रोहित जैन आगरा परिवार ने हाथों में सज्जी हुई अश्ट द्रव्य की पूजन से संगीतकार राकेष जैन के भजनो पर नृत्य करते बम्हाचारिणी प्रंयाक दीदी एवं नीतू दीदी ने मंत्रउचरण कर मुनिश्री के चरणों मे समर्पित करायें। महाआरती गुरूभक्तो ने झूमते हुए की। पूरे पाडाल में मुनिश्री विहर्श सागर महाराज के जयकारों के साथ गूॅज उठा।  


मुनिश्री का जन्म बीना और दीक्षा जैन तीर्थ बरासौ भिंड में हुई थी।


   मुनिरश्री का पूर्व का नाम बंटी जैन, जन्मस्थान बीना (सागर) म. प्र., जन्मतिथि व दिनाँक ७ मार्च, १९७०, माता का नाम श्रीमति आशा देवी जैन (समाधिस्थर्कृआियका १०५ समंति माताजी), पिता का नाम श्री दीपचंद जैन, लौकिक शिक्षा १२ वीं कक्षा पास, आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत ललितपुर १९९४ में, ऐलक दीक्षा २३ फरवरी, १९९६ देवेन्द्र नगर (पन्ना) म. प्र. में हुई।  श्री १०८ विराग सागर जी महाराज से मुनि दीक्षा १४ दिसम्बर, १९९८ अतिशय क्षेत्र बरासौजी (भिण्ड) म. प्र हुई।


मुनिश्री के प्रवचन 8ः30 बजे से होगे


   जैन समाज के  प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि मुनिश्री विहर्श सागर महाराज संसघ के प्रवचन लोहमंडी लाला गोकुलचंद जैन मदिर में प्रात 8ः30 से होगे।

                                            सचिन जैन आदर्ष कलम
                                        (प्रवक्ता जैन समाज ग्वा.)
                                       मो..9575360544.7974836323

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