ग्वालियर | आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को प्री-मैट्रिक तथा पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति दी जाती है। अब विभाग द्वारा एमपी टास सॉफ्टवेयर के माध्यम से पेपरलेस तरीके से ऑनलाइन छात्रवृत्ति का वितरण किया जा रहा है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के रूप में पूरे प्रदेश में 7674 शिक्षण संस्थाओं के 2 लाख 76 हजार 163 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का वितरण किया जा रहा है। इन विद्यार्थियों को लगभग 200 करोड रूपये की छात्रवृत्ति उनके बैंक खाते में सीधे भेजी जा रही है।
इसी तरह अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति का भी लाभ दिया जा रहा है। प्रदेश के 16 लाख 69 हजार 437 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति के रूप में 136 करोड रूपये की राशि उनके बैंक खाते में जारी कर दी गई है। शासन द्वारा आदिवासी विद्यार्थियों को उच्च अध्ययन के लिए विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति योजना से लाभांवित किया जाता है। वर्ष 2019 में इस योजना का लाभ 7 विद्यार्थियों ने उठाया इन्हें 42 लाख रूपये की छात्रवृत्ति उपलब्ध कराई गई। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए लगभग 800 अनुसूचित जनजाति विद्यार्थियों को निःशुल्क कोचिंग दी गयी। इनकी कोचिंग के लिए वर्ष 2019 में 14 करोड 50 लाख रूपये की राशि व्यय की गई। आदिवासी बेटियों की शिक्षा में सुधार के लिए पूरे प्रदेश में 82 कन्या शिक्षा परिसर संचालित हैं। इनके लिए 61 करोड रूपये की राशि का प्रावधान किया गया है।
Wednesday, March 4, 2020
अब पेपरलेस हो रहा है छात्रवृत्ति का वितरण
अब पेपरलेस हो रहा है छात्रवृत्ति का वितरण
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