नई दिल्ली / राज्यसभा में दिल्ली दंगों पर चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि शाहीन बाग में चल रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर हमने कभी नहीं कहा कि यह प्रदर्शन नहीं होना चाहिए, हम शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के खिलाफ नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जहां दंगे होने की संभावना थी वहां भी गृह मंत्रालय द्वारा पुलिस और सैन्य बलों को तैनात किया गया। शाह ने कहा कि देश में अल्पसंख्यक समाज में सीएए को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा की गई, जबकि सीएए को लेकर हम कई बार सफाई दे चुके हैं।
दिल्ली हिंसा पर राज्यसभा में चर्चा का जवाब देते हुए गृहमंत्री अमित ने कहा, 'जो भी दोषी होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा, वैज्ञानिक तरीके से जांच हो रही है। उन्होंने कहा "मैं सदन को और सदन के माध्यम से देश को विश्वास दिलाता हूं कि दंगों के लिए जिम्मेदार लोग और दंगों का षड्यंत्र करने वाले लोग, चाहे वे किसी भी जाति, मजहब या पार्टी के हों, उन्हें किसी भी दशा में बख्शा नहीं जाएगा। दंगों के उपरांत अब तक 700 FIR दर्ज की गई है और जिसने भी FIR दर्ज करवाई है, उसे रजिस्टर करने से पुलिस ने कहीं भी ना नहीं की है। कुल 2,647 लोगों को हिरासत में लिया गया है, या उनकी गिरफ्तारियां हुई हैं। जो भी गिरफ्तारियां हो रही हैं वो सबूतों के आधार पर हो रही हैं।"
शाह ने कहा "दिल्ली में कई सारी घटनाओं में से निजी हथियार चलने की भी घटना आई है। ऐसे 49 मामले दर्ज किए गए हैं और 52 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दंगों में जो हथियार उपयोग हुए थें उनमें से लगभग सवा सौ हथियार जब्त कर लिए गए हैं।"
गृहमंत्री के अनुसार " 25 फरवरी की सुबह से ही दिल्ली के हर थाने में शांति समितियों की बैठक बुलाना शुरू कर दी गई थी। 26 फरवरी तक 321 अमन समितियों की बैठक बुलाकर हमने सभी संप्रदाय के धर्म गुरुओं से, दंगे न फैले इसके लिए उनसे अपने प्रभाव का प्रयोग करने की विनती की थी। जिनकी पहचान हो चुकी है, उनकी सारी डिटेल हमारे पास उपलब्ध हो चुकी है। ऐसे लोगों को पकड़ने के लिए 40 से अधिक विशेष दलों का गठन किया है जो रात-दिन गिरफ्तार करने का काम कर रही है।"
शाह ने बताया कि कुछ सोशल मीडिया अकाउंट ऐसे थे, जो दंगों से 2 दिन पहले शुरू हुए थे और 25 फरवरी की रात 12 बजे से पहले ही बंद हो गए और उन पर केवल दंगा, नफरत और घृणा फ़ैलाने का काम किया गया है। उन्होंने कहा - मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि अगर वो सोचते हैं कि हम बच गए, तो वो गलत हैं, हम उन्हें पाताल से भी खोजकर निकालेंगे और सजा दिलाएंगे।
गृहमंत्री ने कहा "बहुत दु:ख के साथ मैं कहना चाहता हूं कि पूरे देश में CAA को लेकर मुसलमान भाइयों-बहनों के मन में एक भय बैठाया गया कि आपकी नागरिकता CAA से छीन ली जाएगी। ये गलत अफवाहें फैलाई जा रही हैं, CAA नागरिकता लेने का कानून है ही नहीं, ये नागरिकता देने का कानून है। मैं स्पष्टता के साथ कहता हूं कि NPR में कोई डॉक्यूमेंट नहीं मांगा जाएगा। जो जानकारी आपके पास नहीं हैं, वो देने की जरुरत नहीं है। इस देश में किसी को भी NPR की प्रक्रिया से डरने की जरूरत नहीं है।"
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय में दंगे हुए, इन्होंने दंगों को शांत करने का प्रयास किया होगा और हम भी दंगों को शांत करेंगे, परन्तु इसको मेरी पार्टी और विचारधारा पर मढ़ने का प्रयास निंदनीय है, जब हकीकत उल्टी है कि कांग्रेस के शासन में 76% लोग दंगों में मारे गए हैं।
Thursday, March 12, 2020
शाहीन बाग पर बोले अमित शाह - हम शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के खिलाफ नहीं हैं -
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